प्रस्तुति: संतोषी बाजपाई
राजस्थान में चुरू जिले के सरदारशहर ने पारीक समाज को चिरकाल तक गतिमान रखने वाला सारथी दिया। करीब 100 वर्ष पूर्व मालसर गांव से सरदारशहर आकर बसा एक डांगी पुरोहित परिवार। स्व. पीथाराम पुरोहित 'डांगी' के पुत्र स्व. परशुराम पुरोहित एवं स्व. जानकी देवी पुरोहित के घर दिनांक 10 मई 1945 को जन्मे बालक का नाम मांगीलाल रखा गया। जन्म के समय से ही बालक हंसमुख और सरल स्वभाव का था। वक्त के साथ-साथ मांगीलाल बड़े होते गए एवं शिक्षा प्राप्ति हेतु स्कूल का रुख किया। प्राथमिक शिक्षा महावीर विद्यालय-सरदारशहर से, दसवीं तक की शिक्षा गवर्नमेंट इन्टर कोलेज, सरदारशहर एवं स्नातक (बी.ए.) तक की शिक्षा सेठ बुधमल दुगड़ कॉलेज (गाँधी विद्या मंदिर), सरदारशहर से पूर्ण की।
सन 1962 में आपका विवाह रतनगढ़ निवासी स्व. लक्ष्मी नारायण एवं स्व. मणी देवी कठोतिया की सुपुत्री सुश्री गायत्री देवी कठोतिया के साथ संपन्न हुआ। आपको श्रीमती मनीषा पारीक, श्री राजकुमार पारीक, श्री जीतेन्द्र पारीक एवं श्री अविनाश पारीक के माता-पिता बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
अपने पैरों पर खड़ा होने के साथ-साथ संयुक्त परिवार को अपने पैरों पर खड़ा करना आपके जीवन की प्राथमिकता रही। अपने सपनों को ऊंची उड़ान देने हेतु आपने आसाम का रुख किया और तेजपुर को अपनी कर्मभूमि के तौर पर चुना।
सन 1965 में आसाम की चाय उद्योग की अग्रणी कम्पनी स्टील्स वर्थ लिमिटेड से अपना कैरियर आरम्भ किया। इस कम्पनी द्वारा देश एवं विदेशों में चाय बागान में चाय बनाने में उपयोग आने वाली मशीन तैयार कर देश-विदेश में भेजी जाती थी। आपको इस कम्पनी में सहायक पद पर नियुक्ति मिली। अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन से पदोन्नति लेते हुए आप मैनेजर के पद पर आसीन हुए। आसाम की बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए सन 1975 में इस प्रदेश को अलविदा कह दिया और हरियाणा के बहादुरगढ़ को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना। यहां प्रकाश ट्यूब्स लिमिटेड (वर्तमान में सूर्या रौशनी लिमिटेड) में 15 वर्षो तक अपनी अनुभवी सेवाए दी। आपकी कार्यशैली से प्रभावित होकर कम्पनी ने अपने बड़े प्लांट-प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चांपा (छतीसगढ़) स्थित संयत्र में आपको स्थानांतरित कर दिया। यहाँ आपने जर्मन तकनीक द्वारा स्टील एवं तत्पश्चात बिजली उत्पादन में प्रवीणता प्राप्त की। अभी आप प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, दिल्ली (चांपा-छतीसगढ़) में निदेशक एवं चीफ एक्सीक्यूटीव आॅफिसर के पद पर इंडस्ट्रीज कार्यरत हैं। आप 40 वर्षो से अपनी अविस्मरणीय सेवाएँ प्रकाश ग्रुप आॅफ इंडस्ट्रीज को निरंतर दे रहें हैं। इस्पात एवं विद्युत उद्योग के सलाहकार पद पर रहते हुए आप ने अलग-अलग कंपनियों करीब 17000 करोड़ की परियोजनाएं शुरू करवाई हैं। आपने सन 1985 से विदेश यात्राएं प्रारंभ की जो कि निरंतर जारी है। आपके द्वारा की गई विदेश यात्राओं में मुख्यत: जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, वेनेजुएला (द. अमेरिका), रूस, चीन, ब्राजील, थाईलेंड, नाइजीरिया हैं।
श्री मांगीलाल समाज सेवा एवं धार्मिक कार्यों में भी उतनी हीं ्ऊंचार्इं प्राप्त की। आपने सरदारशहर तहसील में अपने ननिहाल प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बायला ग्राम में श्री राधा कृष्ण के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करवाई, मेहरासर चाचेरा ग्राम के शिवालय में शिव परिवार मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा की। सरदारशहर तहसील के दुलरासर, फोगां, गोगासर, देराजसर, जैतासर, बरजांगसर, मालसर, कांगड़ आदि गांवों में मंदिर, गौशाला, धर्मशाला इत्यादि के निर्माण कार्यों व चाराग्रहों में आर्थिक सहयोग देकर अपनी धार्मिक आस्था एवं गौ-सेवा रूचि का परिचय दिया है। सरदारशहर में आपके द्वारा सन 2009 में विशाल श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया गया, जिसकी परिणीति में राष्ट्र प्रसिद्ध भव्य पारीक भवन-सरदारशहर की आधार शिला रखी गई। आपने सरदारशहर के प्राइवेट बस अड्डे के निकट परशुराम प्याऊ के नाम से राहगीरों के लिए शीतल जल (वाटर कूलर) की व्यवस्था की है। सन 2001 में पिताश्री की स्मृति में बाबू शोभाचंद जम्मड के दुर्लभ भजनों की पुस्तक 'भक्ति संगीत सौरभ' का प्रकाशन करवाया। आपके द्वारा स्थानीय गौशाला को तीन गायें भेट की गई एवं निरंतर गौ-ग्रास योजनाओं में आपका सहयोग जारी है। सन 2013 में सरदारशहर गौशाला के प्रांगण में शताब्दी समारोह स्वरुप आयोजित विशाल श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ (श्री राधाकृष्ण जी महाराज-पथमेड़ा के श्रीमुख से) के आप मुख्य यजमान रहे। इस कथा में गौशाला को अभूतपूर्व आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ।
भारतवर्ष की अनेकानेक सामाजिक संस्थाओं को खड़ा करने एवं उनके संरक्षण, संवर्धन एवं संचालन में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आप पारीक परिषद् दिल्ली के संस्थापक सदस्य, महर्षि पराशर फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य एवं संरक्षक ट्रस्टी, आल इंडिया पारीक महासभा के संस्थापक एवं आजीवन सदस्य, पारीक मण्डल ट्रस्ट (सरदारशहर) के संरक्षक एवं मुख्य ट्रस्टी, परशुराम मांगीलाल पारीक सेवा ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी, भारतीय कुष्ठ निवारक संघ के ट्रस्टी, श्री गौशाला समिति (सरदारशहर) के ट्रस्टी, पारीक भवन (रतनगढ़) के संरक्षक सदस्य, पारीक भवन (पुष्कर) के संरक्षक, महर्षि पराशर स्मृति विकास संस्थान ट्रस्ट (जीरोता खुर्द) के संरक्षक, कला एवं संस्कृति मंच मीरा बाग (दिल्ली) के संरक्षक, अखिल भारतवर्ष पारीक समाज चेरिटेबल ट्रस्ट (हरिद्वार) के संरक्षक, सरदारशहर नागरिक परिषद् (दिल्ली) के संरक्षक है। शिक्षा संस्कारों के साथ मिले, इस हेतु सरदारशहर में बेद वेदांग ऋषिकुल के स्थापना काल से जुड़े हुऐ हैं व इसके संरक्षक सदस्य हैं एवं अनेक वर्षों तक अध्यक्ष भी रहे है। आप दिल्ली स्थित हनुमंत संस्कृत महाविधालय को निरंतर सहयोग देते रहे है व ज्ञान प्रकाश सरस्वती शिशु मंदिर-मीरा बाग के भी अध्यक्ष हैं। अशक्त-निशक्त, बेसहारा, दीन हीन जनों की सेवार्थ पूर्णत: समर्पित संस्थान 'अपना घर' की दिल्ली एवं बस्सी-जयपुर के आप आजीवन सदस्य हैं। आपके मार्गदर्शन में पारीक समाज ने नित नवीन शिखरों को ना केवल छुआ है वरन चिरस्थापित किया है। हाल हीं में राजस्थान के सरदार शहर में हुए पारीक महाकुंभ में आप को अन्तर्राष्टÑीय पारीक परिषद् का संरक्षक नियुक्त किया गया है। आपने सदा ही मुक्त हस्त दान दिया है। समस्त पारीक समाज को आप पर गर्व है।