रिठाला विधानसभा भाजपा में दिखी जबरदस्त गुटबाजी
संतोषी बाजपेई/अमिताभ प्रसाद सिंह
रोहिणी। राष्टÑपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा प्रदेश भर में संकल्प यात्रा निकाल कर उनके सिद्धातों को जन-जन तक पहुंचा रही है। इसी के मद्दे नजर रिठाला विधानसभा के रोहिणी सेक्टर-16-17 से जी-3 एस मॉल होते हुए रोहिणी सेक्टर-11 स्थित बालाजी मंदिर तक गांधी संकल्प यात्रा का अयोजन किया गया। जिसमें उत्तर-पश्चिमी लोकसभा से सांसद हंस राज हंस, जिला अध्यक्ष नील दमन खत्री, महामंत्री महेश तोमर, महामंत्री विश्वास तोमर, मंत्री प्रीति बहन जी, आरडब्ल्यूए संयोजक सूर्य प्रकाश भारद्वाज, पूर्व विधायक कुलवंत राणा, अनिल उपाध्याय, सुनिल मित्तल महिला मोर्चा अध्यक्षा स्मिता कौशिक, शीला रानी आदि लोगों ने हिस्सा लिया।
गांधी संकल्प यात्रा का मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी के विचारों, उनके सिद्धांतो एवं स्वच्छता के अभियान को आगे बढ़ाते हुए लोगों को जागरूक करना था। किन्तु यात्रा के शुभारंभ से हीं पार्टी कार्यकर्ताओं में एक अंदरूनी खीच-तान एवं अपने-अपने वर्चश्व को स्थापित करने की होड़ दिखी। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्थल रोहिणी सेक्टर-16-17 के आई सिक्स के पास स्थित चौक पर मंच लगाया गया था। जहां सांसद एवं पार्टी नेताओं द्वारा अन्य कार्यकर्ताओं को सम्मानित करते हुए गांधी जी के विचारों की मूल में लोगों को संबोधित किया जाना था। इसके बाद यात्रा की शुरूआत होनी थी। कार्यक्रम में मंच के संचालन की जिम्मेदारी महामंत्री महेश तोमर ने संभाली। इस समय तक भाजपा कार्यकर्ता काफी जोश-खरोस में दिखे। किन्तु जैसे ही पूर्व विधायक कुलवंत राणा मंच पर पहुंचे उनके समर्थक उत्साहित होते हुÞए कुलवंत राणा जिन्दाबाद के नारे लगाने लगे। मंच पर पहुंचते हीं कुलवंत राणा ने लोगों को संबोधित करने के लिए माईक अपने हाथ में लेनी चाही किन्तु महेश तोमर ने प्रक्रिया का हवाला देते हुए अपनी बात जारी रखी।हल्की सी खीचा-तानी के बाद महेश तोमर ने माईक पूर्व विधायक को सौंप दिया। इसी दौरान सांसद हंस राज हंस जिला अध्यक्ष नील दमन खत्री के साथ आ पहुंचे।
उधर, जैसे हीं पूर्व विधायक कुलवंत राणा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उनके समर्थकों ने उनके जिन्दाबाद के नारे लगाने शुरू किए वैसे हीं विधानसभा के कई जाने माने नेता और कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल से दूर चले गए। और भरा-भरा सा कार्यक्रम स्थल अब खाली-खाली सा लगने लगा। वहीं मंच पर उपस्थित पार्टी पदाधिकारी भी कुछ सहज नहीं लग रहे थे। दुसरी तरफ मंच संचालन कर रहे जिला महामंत्री लगातार कार्यक्रम की गरिमा एवं इसके उद्देश्यों को लेकर गांधी जी से संबंधित नारे लगाने के लिए अपील करते रहे। किन्तु अब तक गांधी जी से संबंधित एक भी नारा किसी ने नहीं लगाया।
हंस राज हंस के पहुंचने तक पूर्व विधायक सिर्फ प्लास्टिक का इस्तेमाल और कचरा नहीं फैलाने को लेकर हीं बात करते रहे। सांसद के पहुंचने पर पुन: एक बार हंस राज हंस और कुलवंत राणा जिन्दाबाद के नारे लगने लगे। इस बीच कुछ दो-चार लोगों के सम्मान के बाद हंस राज हंस ने बहुत हीं संक्षिप्त में लोगों को संबोधित किया। हालांकि उनके संबोधन के केन्द्र बिन्दू में महात्मा गांधी जरूर रहे।
यात्रा के शुभारम्भ के दौरान आगे चलने और सांसद के साथ फोटो खिंचवाने को लेकर कुछ अव्यस्था और धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। कार्यक्रम से थोड़ी दूरी बनाए नेता एवं कार्यकर्ता सांसद के समक्ष अपनी मौजूदगी दर्ज कराने और फोटो खिंचवाने के लिए आगे आए। यहां भी गुटबाजी साफ देखने को मिली। और वार्ड 24 मंडल अध्यक्ष वी के शर्मा अपने गुट के अलावा अन्य लोगों को सांसद से दूर रखने की कोशिश करते देखे गए। इस बीच उन्होंने मीडिया कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने से भी परहेज नहीं की। हालाकि उनसे फोटो खीच रहे पत्रकारों से तिखी नोंक-ोंक भी हुई।
संकल्प यात्रा में शामिल लोगों की संख्या भी विधानसभा की गुटबाजी को बयान कर रही थी। दो नगर निगम वार्डों से गुजरने वाली इस यात्रा से दोनों निगम पार्षद भी गायब रहे। वहीं लोगों की शुरूआती संख्या भी कुछ खास नहीं रही। ज्यादातर लोगों ने अनुमान लगाया कि 100 से 150 लोग हीं यात्रा में शामिल हुए। जो लोग भी इस में शामिल थे वे भी अपने-अपने नेताओं के नारे हीं लगाते हुए दिखे। पदयात्रा करते जैसे हीं हंसराज हंस सेक्टर-16 के नाले के पास पहुंचे वहां अपने समर्थकों के साथ मौजूद सूर्य प्रकाश भारद्वाज उनका स्वागत करते हुए इसमे शामिल हुए जिसके बाद कुछ संख्या जरूर बढ़ी। किन्तु रोहिणी सेक्टर-11 में प्रवेश करते-करते इसमें लोगों की संख्या गिनती की रह गई। इस क्रम में गांधी जी से जुड़े विचार और सिद्धांत तो कहीं गुम हीं गए।
महिला कार्यकर्ता रहीं उपेक्षा की शिकार
यात्रा में भाग लेने के लिए कई महिला कार्यकर्ता भी पहुंची थीं। किन्तु एक दो को छोड़ अधिकांश महिलाओं को न हीं बैठने और न हीं सांसद से मिलने तक का मौका मिला। कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि एक खास नेता के लोगों ने उन्हें जान-बूा कर सांसद तक नहीं पहुंचने दिया। महिला जिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला मंत्री समेत कई महिलाओं ने यात्रा को 'मराथन' दौड़ बनाने का भी आरोप लगाया।